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Saturday 26 July 2014

समास

समास (Compound Word )
समास :- जब दो या दो से अधिक पद बीच की विभक्ति को छोड़कर मिलते है,तो पदों के इस मेल को समास कहते है

'समास के भेद '


समास के मुख्य सात भेद है :-
१.द्वन्द समास २.द्विगु समास ३.तत्पुरुष समास ४.कर्मधारय समास ५.बहुव्रीहि समास ६.अव्ययीभाव समास ७.नत्रसमास


१.द्वंद समास :- इस समास में दोनों पद प्रधान होते है,लेकिन दोनों के बीच 'और' शब्द का लोप होता है। जैसे - हार-जीत,पाप-पुण्य ,वेद-पुराण,लेन-देन ।


२.द्विगु समास :- जिस समास में पहला पद संख्यावाचक विशेषण होता है,उसे द्विगु समास कहते है। जैसे - त्रिभुवन,त्रिफला ,चौमासा ,दशमुख


३.तत्पुरुष समास :- जिस समास में उत्तर पद प्रधान होता है। इनके निर्माण में दो पदों के बीच कारक चिन्हों का लोपहो जाता है। जैसे - राजपुत्र -राजा का पुत्र । इसमे पिछले पद का मुख्य अर्थ लिखा गया है। गुणहीन ,सिरदर्द,आपबीती,रामभक्त ।


४.कर्मधारय समास :- जो समास विशेषण -विशेश्य और उपमेय -उपमान से मिलकर बनते है,उन्हें कर्मधारय समासकहते है। जैसे -

१.चरणकमल -कमल के समानचरण ।
२.कमलनयन -कमल के समान नयन ।
३.नीलगगन -नीला है जो गगन ।
५.बहुव्रीहि समास :- जिस समास में शाब्दिक अर्थ को छोड़ कर अन्य विशेष का बोध होता है,उसे बहुव्रीहि समास कहतेहै। जैसे -
घनश्याम -घन के समान श्याम है जो -कृष्ण
दशानन -दस मुहवाला -रावण


६.अव्ययीभाव समास :- जिस समास का प्रथम पद अव्यय हो,और उसी का अर्थ प्रधान हो,उसे अव्ययीभाव समासकहते है। जैसे - यथाशक्ति = (यथा +शक्ति ) यहाँ यथा अव्यय का मुख्य अर्थ लिखा गया है,अर्थात यथा जितनीशक्ति । इसी प्रकार - रातों रात ,आजन्म ,यथोचित ,बेशक,प्रतिवर्ष ।

७.नत्र समास :- इसमे नही का बोध होता है। जैसे - अनपढ़,अनजान ,अज्ञान ।

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