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Sunday 27 July 2014

कामता प्रसाद गुरु-हिंदी व्याकरण



कामता प्रसाद गुरु

कामता प्रसाद गुरु

परिचय

जन्म : 1875, सागर (मध्य प्रदेश)
भाषा : हिंदी
विधाएँ : उपन्यास, नाटक

एकांत श्रीवास्तव

एकांत श्रीवास्तव
एकांत श्रीवास्तव
परिचय

जन्म : 8 फरवरी 1964, छुरा, रायपुर, छत्तीसगढ़
भाषा : हिंदी
विधाएँ : कविता, निबंध, उपन्यास, आलोचना
मुख्य कृतियाँ

कविता-संग्रह : अन्न हैं मेरे शब्द, मिट्टी से कहूँगा धन्यवाद, बीज से फूल तक, धरती अधखिला फूल है, नागकेसर का देश यह (लंबी कविता), शेल्टर फ्रॉम दि रेन (अंग्रेजी में अनूदित कविताएँ)
उपन्यास : पानी भीतर फूल
आलोचना : बढ़ई, कुम्हार और कवि
निबंध : कविता का आत्मपक्ष
स्मृति कथा :  मेरे दिन मेरे वर्ष
अनुवाद  : लोर्का, नाज़िम हिकमत और कुछ दक्षिण अफ्रीकी कवियों की  कविताओं का अंग्रेजी से हिंदी अनुवाद
संपादन : वागर्थ (मासिक साहित्यिक पत्रिका - नवंबर 2006 से दिसंबर 2008 तक तथा जनवरी 2011 से अब तक) 
सम्मान

शरद बिल्लौरे सम्मान, रामविलास शर्मा सम्मान, ठाकुर प्रसाद सम्मान, दुष्यंत कुमार सम्मान, केदार सम्मान, नरेंद्र देव वर्मा सम्मान, सूत्र सम्मान, हेमंत स्मृति सम्मान, जगत ज्योति स्मृति सम्मान, वर्तमान साहित्य का मलखान सिंह सिसौदिया कविता पुरस्कार
संपर्क

द्वारा - श्रीमती मंजुल श्रीवास्तव, एल.आई.सी., सी.बी.ओ. 21, चौथा तल, हिंदुस्तान बिल्डिंग एनेक्सी, 4, सी.आर.एवेन्यू, कोलकाता-700072
फोन

09433135365
ई-मेल

shrivastava.ekant@gmail.com

स्वयं प्रकाश

स्वयं प्रकाश
स्वयं प्रकाश
परिचय

जन्म : 20 जनवरी, 1947
भाषा : हिंदी
विधाएँ : कहानी संग्रह, उपन्यास, निबन्ध, नाटक
मुख्य कृतियाँ

कहानी संग्रह- मात्रा और भार, सूरज कब निकलेगा, आसमाँ कैसे-कैसे, अगली किताब, आयेंगे अच्छे दिन भी, आदमी जात का आदमी, चर्चित कहानियाँ, अगले जन्‍म, आधी सदी का सफरनामा, पार्टीशन
उपन्यास- जलते जहाज पर, बीच में विनय, उत्तर जीवन कथा, ईंधन, ज्‍योति रथ के सारथी
निबन्ध- स्वान्त: सुखाय, दूसरा पहलू, रंगशाला में एक दोपहर
नाटक- फीनिक्स
सम्मान

राजस्थान साहित्य अकादमी पुरस्कार, वनमाली स्मृति पुरस्कार, सुभद्राकुमारी चौहान पुरस्कार, पहल पुरस्‍कार
संपर्क

3/33, ग्रीन सिटी, ई-8 अरेरा कॉलोनी, भोपाल-462029
फोन

91-755-2562960, 91-9425018290

मधु कांकरिया

मधु कांकरिया
मधु कांकरिया
परिचय

जन्म : 23 मार्च 1957
भाषा : हिंदी
विधाएँ : उपन्यास, कहानी
मुख्य कृतियाँ

उपन्यास :  खुले गगन के लाल सितारे, सलाम आखरी, पत्ता खोर, सेज पर संस्कृत, सूखते चिनार
कहानी संग्रह : बीतते हुए, और अंत में ईसु, चिड़िया ऐसे मरती है, भरी दोपहरी के अँधेरे (प्रतिनिधि कहानियाँ)
विमर्श : अपनी धरती अपने लोग 
सम्मान

कथा क्रम पुरस्कार, हेमचंद्र स्मृति साहित्य सम्मान, समाज गौरव सम्मान (अखिल भारतीय मारवारी युवा मंच द्वारा), विजय वर्मा कथा सम्मान  
संपर्क

एच - 602, ग्रीन वुड्स कांप्लेक्स, चकाला बस स्टॉप के नजदीक, अँधेरी-कुर्ला रोड, अँधेरी (पूर्व), मुंबई-69 (महाराष्ट्र)
फोन

91-9167735950
ई-मेल

madhu.kankaria07@gmail.com

Saturday 26 July 2014

मुहावरे और उनका प्रयोग

 (१)
मुहावरा :- विशेष अर्थ को प्रकट करने वाले वाक्यांश को मुहावरा कहते है। मुहावरा पूर्ण वाक्य नहीं होता, इसीलिए इसका स्वतंत्र रूप से प्रयोग नहीं किया जा सकता । मुहावरा का प्रयोग करना और ठीक -ठीक अर्थ समझना बड़ा की कठिन है ,यह अभ्यास से ही सीखा जा सकता है । इसीलिए इसका नाम मुहावरा पड़ गया ।

यहाँ पर कुछ प्रसिद्ध मुहावरे और उनके अर्थ वाक्य में प्रयोग सहित दिए जा रहे है।

१.अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनना - (स्वयं अपनी प्रशंसा करना ) - अच्छे आदमियों को अपने मुहँ मियाँ मिट्ठू बनना शोभा नहीं देता ।
२.अक्ल का चरने जाना - (समझ का अभाव होना) - इतना भी समझ नहीं सके ,क्या अक्ल चरने गए है ?
३.अपने पैरों पर खड़ा होना - (स्वालंबी होना) - युवकों को अपने पैरों पर खड़े होने पर ही विवाह करना चाहिए ।
४.अक्ल का दुश्मन - (मूर्ख) - राम तुम मेरी बात क्यों नहीं मानते ,लगता है आजकल तुम अक्ल के दुश्मन हो गए हो ।
५.अपना उल्लू सीधा करना - (मतलब निकालना) - आजकल के नेता अपना अपना उल्लू सीधा करने के लिए ही लोगों को भड़काते है ।
६.आँखे खुलना - (सचेत होना) - ठोकर खाने के बाद ही बहुत से लोगों की आँखे खुलती है ।
७.आँख का तारा - (बहुत प्यारा) - आज्ञाकारी बच्चा माँ -बाप की आँखों का तारा होता है ।
८.आँखे दिखाना - (बहुत क्रोध करना) - राम से मैंने सच बातें कह दी , तो वह मुझे आँख दिखाने लगा ।
९.आसमान से बातें करना - (बहुत ऊँचा होना) - आजकल ऐसी ऐसी इमारते बनने लगी है ,जो आसमान से बातें करती है ।
१० .ईंट से ईंट बजाना - (पूरी तरह से नष्ट करना) - राम चाहता था कि वह अपने शत्रु के घर की ईंट से ईंट बजा दे।
११.ईंट का जबाब पत्थर से देना - (जबरदस्त बदला लेना) - भारत अपने दुश्मनों को ईंट का जबाब पत्थर से देगा ।
१२.ईद का चाँद होना - (बहुत दिनों बाद दिखाई देना) - राम ,तुम तो कभी दिखाई ही नहीं देते ,ऐसा लगता है कि तुम ईद के चाँद हो गए हो ।
१३.उड़ती चिड़िया पहचानना - (रहस्य की बात दूर से जान लेना) - वह इतना अनुभवी है कि उसे उड़ती चिड़िया पहचानने में देर नहीं लगती ।
१४.उन्नीस बीस का अंतर होना - (बहुत कम अंतर होना) - राम और श्याम की पहचान कर पाना बहुत कठिन है ,क्योंकि दोनों में उन्नीस बीस का ही अंतर है ।
१५.उलटी गंगा बहाना - (अनहोनी हो जाना) - राम किसी से प्रेम से बात कर ले ,तो उलटी गंगा बह जाए ।

हिन्दी संख्याएँ

हिन्दी संख्याएँ ( Hindi Numbers)
हिन्दी संख्याएँ एक से लेकर सौ तक दी जा रही है :-

संख्याएँ......हिन्दी शब्द......रोमन लिपि 
शून्यshoonya
एकEk
दोdo
तीनteen
चारchaara
पाँचpaaNnch
छहchhah
सातsaat
आठAATh
नौnao
१०दसdas
११ग्यारहgyaarah
१२बारहbaarah
१३तेरहterah
१४चौदहchaodah
१५पन्द्रहpandrah
१६सोलहsolah
१७सत्रहsatrah
१८अठारहAThaarah
१९उन्नीसUnnees
२०बीसbees
२१इक्कीसIkkees
२२बाईसbaaEEs
२३तेईसteEEs
२४चौबीसchaobees
२५पच्चीसpachchees
२६छब्बीसchhabbees
२७सत्ताईसsattaaEEs
२८अट्ठाईसATThaaEEs
२९उनतीसUnatees
३०तीसtees
३१इकतीसIkatees
३२बत्तीसbattees
३३तैंतीसtaiNtees (taiNntees)
३४चौंतीसchaoNtees (chaoNntees)
३५पैंतीसpaiNtees (paiNntees)
३६छत्तीसchhattees
३७सैंतीसsaiNtees (saiNntees)
३८अड़तीसADdatees
३९उनतालीसUnataalees
४०चालीसchaalees
४१इकतालीसIkataalees
४२बयालीसbayaalees
४३तैंतालीसtaiNtaalees (taiNntaalees)
४४चौवालीसchaovaalees
४५पैंतालीसpaiNtaalees (paiNntaalees)
४६छियालीसchhiyaalees
४७सैंतालीसsaiNtaalees (saiNntaalees)
४८अड़तालीसADdataalees
४९उनचासUnachaas
५०पचासpachaas
५१इक्यावनIkyaavan
५२बावनbaavan
५३तिरेपनtirepan
५४चौवनchaovan
५५पचपनpachapan
५६छप्पनchhappan
५७सत्तावनsattaavan
५८अट्ठावनATThaavan
५९उनसठUnasaTh
६०साठsaaTh
६१इकसठIkasaTh
६२बासठbaasaTh
६३तिरेसठtiresaTh
६४चौंसठchaoNsaTh (chaoNnsaTh)
६५पैंसठpaiNsaTh (paiNnsaTh)
६६छियासठchhiyaasaTh
६७सड़सठsaDdasaTh
६८अड़सठADdasaTh
६९उनहत्तरUnahattara
७०सत्तरsattara
७१इकहत्तरIkahattara
७२बहत्तरbahattara
७३तिहत्तरtihattara
७४चौहत्तरchaohattara
७५पचहत्तरpachahattara
७६छिहत्तरchhihattara
७७सतहत्तरsatahattara
७८अठहत्तरAThahattara
७९उनासीUnaasee
८०अस्सीAssee
८१इक्यासीIkyaasee
८२बयासीbayaasee
८३तिरासीtiraasee
८४चौरासीchaoraasee
८५पचासीpachaasee
८६छियासीchhiyaasee
८७सत्तासीsattaasee
८८अट्ठासीATThaasee
८९नवासीnavaasee
९०नब्बेnabbe
९१इक्यानबेIkyaanabe
९२बानबेbaanabe
९३तिरानबेtiraanabe
९४चौरानबेchaoraanabe
९५पंचानबेpaNchaanabe
९६छियानबेchhiyaanabe
९७सत्तानबेsattaanabe
९८अट्ठानबेATThaanabe
९९निन्यानबेninyaanabe
१००सौsao

प्रत्यय


वह शब्द जो किसी शब्द के पीछे जुड़ कर अर्थ में कुछ परिवर्तन ला देता है ,प्रत्यय कहलाता है  जैसे - बचत ,दिखावा,खाता, मासिक ,संभावित ,कृपालु आदि  इसके दो भेद होते है -

१.कृत - प्रत्यय :- जो प्रत्यय धातुओं के साथ जुड़कर अर्थ में कुछ परिवर्तन ला देते है , कृत प्रत्यय कहलाते है । जैसे - बन + आवट = बनावट , लूट + एरा = लुटेरा , पूजा + री = पुजारी , हँस + ओड़ = हंसोड़ ।

२.तद्धित प्रत्यय : - वे प्रत्यय जो किसी संज्ञा ,सर्वनाम या विशेषण के साथ जुड़ कर अर्थ में परिवर्तन ला देते है , तद्धित प्रत्यय कहलाते है । जैसे - मामा + एरा = ममेरा , लड़का + पन = लडकपन , छोटा + पन = छुटपन , अपना + पन = अपनत्व , मम + ता = ममता , ऊँचा + आई = ऊँचाई

अनेक शब्दों के लिए एक शब्द

अनेक शब्दों के लिए एक शब्द ( one word substitution )

भाषा में कई शब्दों के स्थान पर एक शब्द बोल कर हम भाषा को प्रभावशाली एवं आकर्षक बनाते है। जैसे -
राम बहुत सुन्दर कहानी लिखता है। अनेक शब्दों के स्थान पर हम एक ही शब्द 'कहानीकार' का प्रयोग कर सकते है ।इसी प्रकार ,अनेक शब्दों के स्थान पर एक शब्द का प्रयोग कर सकते है। यहां पर अनेक शब्दों के लिए एक शब्द केकुछ उदाहरण दिए जा रहे है : -

.जो दिखाई  दे - अदृश्य
.जिसका जन्म  हो - अजन्मा
.जिसका कोई शत्रु  हो - अजातशत्रु
.जो बूढ़ा  हो - अजर
.जो कभी  मरे - अमर
.जो पढ़ा -लिखा  हो - अपढ़ ,अनपढ़
.जिसके कोई संतान  हो - निसंतान
.जो उदार  हो - अनुदार
जिसमे धैर्य  हो - अधीर
१०.जिसमे सहन शक्ति हो - सहिष्णु
११.जिसके समान दूसरा  हो - अनुपम
१२.जिस पर विश्वास  किया जा सके - अविश्वनीय
१३.जिसकी थाह  हो - अथाह
१४.दूर की सोचने वाला - दूरदर्शी
१५.जो दूसरों पर अत्याचार करें - अत्याचारी
१६.जिसके पास कुछ भी  हो - अकिंचन
१७.दुसरे देश से अपने देश में समान आना - आयात
१८.अपने देश से दुसरे देश में समान जाना - निर्यात
१९.जो कभी नष्ट  हो - अनश्वर
२०.जिसे कोई जीत  सके - अजेय
२१.अपनी हत्या स्वयं करना - आत्महत्या
२२.जिसे दंड का भय  हो - उदंड
२३.जिस भूमि पर कुछ  उग सके - ऊसर
२४.जनता में प्रचलित सुनी -सुनाई बात - किंवदंती
२५.जो उच्च कुल में उत्पन्न हुआ हो - कुलीन
२६.जिसकी सब जगह बदनामी -कुख्यात
२७.जो क्षमा के योग्य हो - क्षम्य
२८.शीघ्र नष्ट होने वाला - क्षणभंगुर
२९.कुछ दिनों तक बने रहना वाला - टिकाऊ
३०.पति-पत्नी का जोड़ा - दम्पति
३१.जो कम बोलता हो -मितभाषी
३२.जो अधिक बोलता हो - वाचाल
३३.जिसका पति जीवित हो - सधवा
३४.जिसमे रस हो - सरस
३५.जिसमे रस  हो - नीरस
३६.भलाई चाहने वाला - हितैषी
३७.दूसरों की बातों में दखल देना - हस्तक्षेप
३८.दिल से होने वाला - हार्दिक
३९.जिसमे दया  हो - निर्दय
४०.जो सब जगह व्याप्त हो -सर्वव्यापक
४१.जानने की इच्छा रखने वाला - जिज्ञासु
४२.सप्ताह में एक बार होने वाला - साप्ताहिक
४३.साहित्य से सम्बन्ध रखने वाला - साहित्यिक
४४.मांस खाने वाला - मांसाहारी
४५.जिसके आने की तिथि  हो - अतिथि
४६.जिसके ह्रदय में दया हो - दयावान
४७.जो चित्र बनाता हो - चित्रकार
४८.विद्या की चाह रखने वाला - विद्यार्थी
४९.हमेशा सत्य बोलने वाला - सत्यवादी
५०.जो देखने योग्य हो - दर्शनीय

विस्मयादिबोधक अव्यय

विस्मयादिबोधक अव्यय (interjections)
जिन शब्दों से शोक ,विस्मय ,घृणा ,आश्चर्य आदि भाव व्यक्त हों ,उन्हें विस्मयादि बोधक अव्यय कहा जाता है । जैसेअरे ! तुम कब  गए ,बाप रे बाप ! इतनी तेज आंधी ! वाह ! तुमने तो कमाल कर दिया आदि ।
विस्मयादि बोधक अव्यय का प्रयोग सदा वाक्य के आरम्भ में होता है । इनके साथ विस्मयादिबोधक चिन्ह ! अवश्यलगाया जाता है .
मन के विभिन्न भावों के आधार पर विस्मयादिबोधक अव्यय के निम्नलिखित प्रमुख भेद है :-
.शोकबोधक - हाय ! ,बाप रे बाप ! हे राम ! आदि । जैसे - हे राम ! बहुत बुरा हुआ , हाय ! यह क्या हुआ ।
घृणा या तिरस्कार बोधक - छि:!, थू -थू , धिक्कार ! आदि । जैसे - छि :छि : ! ये गन्दगी किसने फैलाई ,धिक्कार ! है तुम्हे ।
स्वीकृतिबोधक - अच्छा ! ठीक ! हाँ ! आदि । जैसे - हाँ ! मै कल पहुँच जाऊँगा , ठीकयह हो जाएगा ।
.विस्मयबोधक अरे ! क्या ! ओह ! सच ! आदि । जैसे - अरे ! तुम यहाँ कैसे , हे ! ये कौन है ? ।
.संबोधनबोधक - हो ! अजी ! ! आदि । जैसे - अजी ! थोडा देर और रुक जाईये ,  ! दूधवाले कल मत आना ।
.हर्षबोधक वाह -वाह ,धन्यअति सुन्दर,अहाआदि । जैसे - अहा ! मजा  गया , अति सुन्दर ! बहुत अच्छीकविता है ।
भयबोधक - ओह ! हाय ! बाप रे बाप ! आदि । जैसे - बाप रे बाप ! इतना बड़ा साँप , हाय ! मुझे चोट लग गयी ।

संबंधबोधक

संबंधबोधक (Post - Position )
जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम शब्दों के साथ आकर वाक्य के अन्य शब्दों के साथ ,उसका सम्बन्ध बनाते है,उन्हेंसंबंधबोधक कहते है जैसे - १.कमरे के बाहर सामान रखा है .मेरे पास आओ .घर के पास विद्यालय है .यहदवा दूध के साथ खाना .हमलोग घर की तरफ जा रहे है आदि


                                                                                                        इन वाक्यों में  के बाहर','पास','के पास','के बाद','की तरफ' शब्द संज्ञा शब्दों के साथ मिलकर वाक्य के अन्य शब्दोंके उसका सम्बन्ध जोड़ते है। अत: ये सभी शब्द संबंधबोधक है।
कुछ प्रमुख संबंधबोधक शब्द निम्न है -
के बिना, के पास,से पहले,के सामने ,के मारे,के नीचे,के आगे ,सिवा,लिए ,के साथ ,चारों ओर,पहले,पश्चात,के बादआदि।