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Saturday 26 July 2014

कारक

१.सीता फल खाती है।
२.राम ने डंडे से घोडे को पीटा ।
३.राम चार दिन में आएगा।
४.राम कलम से लिखता है।
कारक के भेद :- हिन्दी में कारको की संख्या आठ है -१.कर्ता कारक २.कर्म कारक ३.करण कारक ४.सम्प्रदान कारक ५.अपादान कारक ६.सम्बन्ध कारक ७.अधिकरण कारक ८.संबोधन कारक

कारक के विभक्ति चिन्ह
कारक ...................................चिन्ह...........................................अर्थ
कर्ता.......................................ने ..................................काम करने वाला
कर्म कारक ..........................को.............................जिस पर काम का प्रभाव पड़े
करण कारक .......................से ........................जिसके द्वारा कर्ता काम करें
सम्प्रदान कारक .................को,के लिए ...................जिसके लिए क्रिया की जाए
अपादान कारक .......................से (अलग होना ) ...................जिससे अलगाव हो
सम्बन्ध कारक ..........................का,की,के,रा,री,रे ..................अन्य पदों से सम्बन्ध
अधिकरण कारक .................................में,पर ..................................क्रिया का आधार
संबोधन कारक .................हे !,अरे !..............................किसी को पुकारना ,बुलाना

१.कर्ता कारक :- वाक्य में कार्य करने वाले को कर्ता कहते है। जैसे - १.राम ने पत्र लिखा । २.बहन ने खाना पकाया ।३.हम कहाँ जा रहे है ? । इन वाक्यों में राम ,बहन तथा हम काम करने वाले है। अतः कर्ता कारक है।

२.कर्म कारक :- संज्ञा या सर्वनाम अथवा जिस वस्तु या व्यक्ति पर क्रिया का प्रभाव पड़े उसे कर्म कारक कहते है। जैसे-अध्यापक ,छात्र को पीटता है। इसका चिन्ह को होता है। कहीं - कहीं कर्म का चिन्ह छीपा रहता है। जैसे - सीता फलखाती है।

३.करण कारक :- जिस साधन से क्रिया होता है,उसे करण कारक कहते है। जैसे -बच्चा बोतल से दूध पीता है। २.बच्चेगेंद से खेल रहे है। गेंद ,बोतल की सहायता से काम हो रहा है।

४.सम्प्रदान कारक :- जिसके लिए कर्ता कुछ कार्य करे ,उसे सम्प्रदान कारक कहते है। जैसे - १.गरीबो को खाना दो।२.मेरे लिए दूध लेकर आओ । यहाँ पर गरीब ,मेरे ,के लिए काम किया जा रहा है। अतः सम्प्रदान कारक है।

५.अपादान कारक :- संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से किसी वस्तु के अलग होने का बोध हो,वहां अपादान कारक होताहै। जैसे- १.पेड़ से आम गिरा। २.हाथ से छड़ी गिर गई। इन वाक्यों में आम ,छड़ी से अलग होने का ज्ञान करा रहे है।

६.सम्बन्ध कारक :- संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से एक वस्तु का दूसरी वस्तु से सम्बन्ध ज्ञात हो,उसे सम्बन्धकारक कहते है। जैसे- १.सीतापुर ,मोहन का गाँव है। २.सेना के जवान आ रहे है।
इन वाक्यों में मोहन का गओंसे,सेना के जवान आदि शब्दों का आपस में सम्बन्ध होने का पता चलता है।

७.अधिकरण कारक :- संज्ञा के जिस रूप से क्रिया के आधार का बोध हो,उसे अधिकरण कारक कहते है। जैसे - हरीघर में है। पुस्तक मेज पर है। राम कल आएगा।

८.संबोधन कारक :- संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से बुलाने या पुकारने का बोध हो,उसे संबोधन कारक कहते है। जैसे- १.हे ईश्वर ! रक्षा करो २.अरे! बच्चों शोर मत करो ।
अरे,हे ईश्वर ,शब्दों से पता चलता है कि उन्हें संबोधन किया जा रहा है।

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