हिंदी के मुहावरों का सही प्रयोग समझाने के लिए बनाई गई इस लघु फीचर फिल्म का निर्देशन किया है महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा में नाट्यकला एवं फिल्म अध्ययन विभाग के सहायक प्रोफेसर रयाज हसन ने। पटकथा विश्वविद्यालय के साहित्य विद्यापीठ में सहायक प्रोफेसर रूपेश कुमार की है। फिल्म देखने के लिए यहाँ क्लिक करें।
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