काल का शाब्दिक अर्थ होता है - समय । क्रिया के जिस रूप से कार्य के होने का समय का बोध हो, उसे काल कहते है।
काल के भेद :-काल के तीन भेद होते है -
१.भूतकाल
२.वर्तमान काल
३.भविष्यत (भविष्य ) काल
१.भूतकाल :- क्रिया के जिस रूप से बीते हुए समय का ज्ञान हो, उसे भूतकाल कहते है। जैसे - १.रमेश पटना गया था।२.पहले मै लखनऊ में पढता था। ३.वह गा रहा था। ४.मोर नाच रहा था।
उपयुक्त सभी वाक्यों में क्रिया के समाप्त होने का बोध हो रहा है। अतः ये भूतकाल है।
२.वर्तमान काल :- क्रिया के जिस रूप से यह ज्ञात हो कि काम ( कार्य ) अभी चल रहा है, उसे वर्तमान काल कहते है।जैसे - १.मै रोज क्रिकेट खेलता हूँ। २.राम अभी -अभी आया है। ३.पिता जी खाना खा रहे है। ४.वर्षा हो रही है।
इन वाक्यों में खेलता हूँ,आया है,खा रहे है,वर्षा हो रही है आदि क्रियायों से यह बोध हो रहा है कि कार्य अभी चल रहाहै। अतः वर्तमान काल है।
३.भविष्यत काल(भविष्य ) :- क्रिया के जिस रूप से आने वाले समय में क्रिया के होने का पता चले ,उसे भविष्यत कालकहते है। जैसे - १.राम दौडेगा । २.मै कल विद्यालय जाऊंगा। ३.श्याम कल कोलकाता जाएगा। ४.खाना कुछ देर मेंबन जाएगा।
इन वाक्यों में आने वाले समय का बोध हो रहा है। अतः ये भविष्य ( भविष्यत ) काल है।नोट :-
भूतकाल - बीता हुआ समय।
वर्तमान काल - जो समय चल रहा है।
भविष्य काल - जो समय अभी आएगा।
वर्तमान काल - जो समय चल रहा है।
भविष्य काल - जो समय अभी आएगा।
No comments:
Post a Comment